'वर्तमान साहित्य 'Vartman Sahitya' November 2015


वर्तमान साहित्य - नवम्बर 2015 Vartman Sahitya - November 2015

वर्तमान साहित्य

साहित्य, कला और सोच की पत्रिका


वर्ष 32  अंक 11  नवम्बर, 2015

सलाहकार संपादक:  रवीन्द्र कालिया | संपादक: विभूति नारायण राय | कार्यकारी संपादक: भारत भारद्वाज | कला पक्ष: भरत तिवारी
संपर्क: vartmansahitya.patrika@gmail.com 

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डाक पंजीयन संख्या ए.एल.जी./63, 2013–2015
संपादकीय कार्यालय —
टी/101, आम्रपाली सिलिकॉन सिटी, सेक्टर–76,
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कला–पक्ष : भरत तिवारी
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पत्रिका में प्रकाशित रचनाओं की रीति–नीति या विचारों से वर्तमान साहित्य, संपादक मंडल या संपादक की सहमति अनिवार्य नहीं है । संपादन एवं संचालन पूर्णतया अवैतनिक और अव्यावसायिक ।

अंदर की बात

संपादकीय
कबिरा हम सबकी कहैं / विभूति नारायण राय 3
आलेख
ग़दर आंदोलन में एक राजा — राजा महेंद्र प्रताप / प्रदीप सक्सेना 5
स्मृति शेष
मेरे गुरुदेव डॉ– गोपाल राय / भारत भारद्वाज 14
नींद रहे नींद फकत नींद नहीं / प्रियदर्शन मालवीय 16
धारावाहिक उपन्यास–6
कल्चर वल्चर / ममता कालिया 17
अनुवाद (पंजाबी कहानी)
लावा / मूल : हरप्रीत सेखा, अनु : सुभाष नीरव 24
चर्चित कहानी बनाम प्रिय कहानी
बिल्लियां बतियाती हैं / एस आर हरनोट 30
आत्मवक्तव्य 39
चर्चा / मनीषा कुलश्रेष्ठ 40
कहानी
बोर्डिंग पास / अनुज 50
बँटवारा / सुशांत सुप्रिय 54
संस्मरण
सतीश जमाली — जर्जर डोंगी और बूढ़ा मछेरा/ मधुरेश 56
कविताएं
मान बहादुर सिंह 41
संजय मिश्र 48
अमरेन्द्र कुमार शर्मा 62
सरोज परमार 64
स्वप्निल श्रीवास्तव 65
निर्मल गुप्त 66
समीक्षा
हिन्दी समाज की मौत का मर्सिया / प्रेमपाल शर्मा 67
मीडिया
बच्चों के लिए स्वस्थ संचार अत्यावश्यक / प्रांजल धर 69
स्तम्भ
रचना संसार / सूरज प्रकाश 73
तेरी मेरी सबकी बात / नमिता सिंह 77
सम्मति — इधर–उधर से प्राप्त प्रतिक्रियाएं 80


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