अहम से ऊपर उठने की क्षमता — हिंदी अकादमी के सम्मान 2015-16


असगर-वजाहत-राजी-सेठ-सोनी-सोरी कंवल-भारती-असद जैदी-अनुपम-मिश्र-देवेंद्र-मेवाड़ी-दीपचंद्र-निर्मोही-जयदेव-तनेजा-अलका-पाठक-अमृत मेहता-प्रियदर्शन-ओम-थानवी-विमल-थोराट-मालचंद-तिवाड़ी

Hindi Akademi Delhi

Awards 2015-16


भाई-भतीजावाद, मैं तेरी पीठ खुजाऊं और तुम मेरी के दौर में दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी के सम्मानों की घोषणा में शामिल नामों को जानने के बाद – विश्वास ज़रा मुश्किल से ही होता है कि इन नामों का अध्यक्ष मैत्रेयी पुष्पा से वैसा कोई सरोकार नहीं है जैसा कि अमूमन हर-जगह होता है – बंदरबांट। निःसंदेह मैत्रेयी पुष्पा का यह चुनाव मठाधीशों की चयन-सोच (यदि होगी तो) में हिलोल पैदा किये जा रहा होगा... हो सकता है कि इससे वे कुछ सीख भी लें और उनकी नज़रों का दायरा बढ़े और उन्हें चयन के समय वह नाम भी याद रहें जो उनके खेमे के तो नहीं हैं लेकिन साहित्य हैं, समाज हैं! सम्मान की घोषणा के बाद से ही बार-बार ज़ेहन में यह बात उठ रही है कि राजेन्द्र यादव जी ने अपने सानिध्य में आये लोगों में दुर्लभ-गुण, अहम से ऊपर उठने की क्षमता का जो बीज बोया था वह ‘वर्तमान सामाजिक स्थितियों’ में वह छाया दे रहा है जिसके लिए राजेन्द्र यादव जाने जाते थे।

अकादमी की ओर से दिया जाने वाला शलाका सम्मान इस बार असगर वजाहत को दिया जा रहा है। सम्मान के बतौर उन्हें 5 लाख रुपये की धनराशि भेंट की जायेगी। इसके अलावा साहित्य, कला, समाज, संस्कृति को बढ़ावा देने वाले 14 लोगों को सम्मानित किया जा रहा है।

दिल्ली शिखर सम्मान से साहित्यकार राजी सेठ और संघर्ष करते हुए अपनी जान गंवाने वाली संतोष कौली की स्मृति में दिया जाने वाला सम्मान आज संघर्ष की मिसाल बन चुकी आदिवासी सोनी सोरी को दिया जा रहा है। इन दोनों को सम्मान स्वरूप 2—2 लाख की धनराशि दी जायेगी।

विशिष्ट योगदान कंवल भारती,
काव्य सम्मान असद जैदी,
गद्य विधा सम्मान अनुपम मिश्र,
ज्ञान प्रौद्योगिकी सम्मान देवेंद्र मेवाड़ी,
बाल साहित्य सम्मान दीपचंद्र निर्मोही,
नाटक सम्मान जयदेव तनेजा,
हास्य व्यंग्य सम्मान अलका पाठक,
अनुवाद सम्मान अमृत मेहता,
पत्रकारिता सम्मान (इलैक्ट्रॉनिक मीडिया) प्रियदर्शन,
पत्रकारिता सम्मान (प्रिंट मीडिया) ओम थानवी,
हिंदी सेवा सम्मान विमल थोराट और
हिंदी सहभाषा सम्मान मालचंद तिवाड़ी

को दिया जाएगा। इन सभी को सम्मान स्वरूप एक—एक लाख रुपये की सम्मान राशि दी जायेगी।

दिल्ली हिंदी अकादमी के पुरस्कारों की सूची में इस बार स्त्रियों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और सम्मान के सही दावेदारों की उपस्थिति उम्मीद जगाती है कि अकादमी पुरस्कारों आगे भी इसी तरह सही नामों का चयन करेगी। संघर्ष की प्रतीक ‪बन चुकी आदिवासी महिला सोनी‬ सोरी के साथ विमल थोराट और अलका पाठक का नाम भी शामिल है।

अब तक ऐसा बहुत कम होता आया है कि साहित्य-संस्कृति और कला के संस्थानों में सुयोग्य और ईमानदार लोगों का चयन हो। ज्यादातर सत्ता के नजदीक रहने वाले समझौतावादी लोग ही ऐसे पदों की 'शोभा' बढ़ाते हैं, लेकिन जब सही व्यक्ति सही पद पर हो तो उसका असर जरूर दिखता है। चर्चा भी है कि दिल्ली राज्य सरकार की संस्था हिंदी अकादमी की उपाध्यक्ष यदि मैत्रेयी पुष्पा नहीं होतीं तो शायद अकादमी के पुरस्कारों में दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यक का यह वैविध्य नहीं दिखता. सबसे बड़ी बात कि गोंडवाना की संघर्षशील सोनी सोरी को दिल्ली में पुरस्कृत किया जाना काबिले तारीफ है। वास्तव में इससे पुरस्कार स्वयं सम्मानित हुआ है। दलित लेखक कंवल भारती और विमल थोराट का नाम इस सूची में होना उम्मीद जगाता है कि आने वाले समय में अकादमी पुरस्कारों के लिए सही लोगों को चयनित करेगी। हिंदी, सम्मानित साहित्यकारों, हिंदी अकादमी और हम सबको बधाई ...

ये सम्मान साहित्य उत्सव के दौरान 26 मार्च को किये जायेंगे।

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1 टिप्पणियाँ

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (18-03-2016) को "दुनिया चमक-दमक की" (चर्चाअंक - 2285) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ

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