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जेएनयू सामाजिक समन्वय का किला — दीपक भास्कर #JNU
प्रशंसा सिंन्ड्रोम ग्रसित साहित्य के नुक्कड़ी विकास पुरुष — अनंत विजय | Anant Vijay
हज़ारों महफ़िलों की तू शमा था —  #राजेंद्र_यादव_जयंती —  भरत तिवारी
गीता पंडित — बिंदास ठहाके  —  #राजेंद्र_यादव_जयंती
चण्डीदत्त शुक्ल — "पढ़ा करो..." —  #राजेंद्र_यादव_जयंती
 #राजेंद्र_यादव_जयंती — आप सब सादर आमन्त्रित हैं
हमारी सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि हम औसतपन को सराहते हैं — शेखर गुप्ता
हंस कथा सम्मान 2016 सम्मानित — योगिता यादव की कहानी — राजधानी के भीतर बाहर