tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post2637327963747428938..comments2024-03-20T22:06:43.980+05:30Comments on Shabdankan शब्दांकन: इन दिनों हिंदी में साहित्यिक विवादों की जगह व्यक्तिगत राग-द्वेष ने ले ली है — अनंत विजय @anantvijay Bharathttp://www.blogger.com/profile/09488756087582034683noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-553276624012210362016-09-15T15:09:52.466+05:302016-09-15T15:09:52.466+05:30I would like to thank you for the efforts you have...I would like to thank you for the efforts you have made in writing this article. Fair enough.<br /><br />khayalrakhe.comAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14406060730529763862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-37195183239587355292016-09-11T16:28:05.290+05:302016-09-11T16:28:05.290+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (12-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (12-09-2016) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "हिन्दी का सम्मान" (चर्चा अंक-2463) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' <br /><br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-44818638492177600492016-09-11T13:24:16.213+05:302016-09-11T13:24:16.213+05:30>>
हर स्तम्भ खोखला नजर आता है
जरा सा छुओ तो...>><br />हर स्तम्भ खोखला नजर आता है <br />जरा सा छुओ तो ढोल बज जाता है <br />हर जगह ढोलों की चल रही है <br />खुद नहीं बजता है औरोंं से बजवाता है ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com