tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post8327346097728706095..comments2024-03-29T09:31:38.264+05:30Comments on Shabdankan शब्दांकन: सन्धिकाल में स्त्री व अन्य कवितायेँ : मायामृगBharathttp://www.blogger.com/profile/09488756087582034683noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-86633735528155899792013-03-15T23:05:52.581+05:302013-03-15T23:05:52.581+05:30 उत्कृष्ट कवितायेँ..... गहरे उतरती हैं उत्कृष्ट कवितायेँ..... गहरे उतरती हैं डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-87039535752875454872013-03-15T23:05:43.117+05:302013-03-15T23:05:43.117+05:30 उत्कृष्ट कवितायेँ..... गहरे उतरती हैं उत्कृष्ट कवितायेँ..... गहरे उतरती हैं डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-45759826039020149502013-03-14T21:36:56.244+05:302013-03-14T21:36:56.244+05:30
माया जी से जो भी पढने को मिला है , उसे बस पढ़ा है ...<br />माया जी से जो भी पढने को मिला है , उसे बस पढ़ा है मैंने आज तक। बिलकुल उसी तरह जैसे मेरे गाँव में रोज़ खिलते अनगिनत फूल।मुझे आज तक उन का नाम नहीं पता। पर रंग से वाकिफ हूँ, खुशबू का एहसास है और सादगी ज़ेहन पर छाई है।यहीं ताज़गी इन कविताओं में है जिस को बस महसूस करने को मन करता है। <br />PRANESH NAGRIhttps://www.blogger.com/profile/11603552012465912321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-22131142307296845982013-03-14T15:41:12.460+05:302013-03-14T15:41:12.460+05:30saari kavitayein ek se badhkar eksaari kavitayein ek se badhkar eksonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-91349852421553197542013-03-14T15:07:50.077+05:302013-03-14T15:07:50.077+05:30'अंतिम संस्कार से पहले'.......
स्त्री के ज...'अंतिम संस्कार से पहले'.......<br />स्त्री के जन्म से लेकर मरन तक की वेदना को सहजता से पन्ने पर उकेरा है आपने। सहज विश्वास नही होता की नारियों के देश में ही नारी की दुर्दशा ... आह !!!<br />स्त्री ही स्वयं इस भावना को भूमि देती है .<br />1. दाई ने अफ़सोस से सूचना दी .....!<br />2. मुंह बिसूरा दादी ने ........!<br />3. मां ने भीगी आँखे लिए मुह दूसरी और कर लिया<br /> तो पुरूषों से क्या अपेक्षा ....<br />पिता ने सर को झटका बांयें से दांये <br />????<br /> भरे ह्रदय से शुभकामनाये<br />आदरणीय माया मृग जी!<br />सादर<br />गीतिका'वेदिका' गीतिका वेदिकाhttps://www.blogger.com/profile/07650828201361340844noreply@blogger.com