गुलज़ार साहब को कैसे भी पढ़िए, उनके शब्दों की चमक सबसे जुदा, चमकदार और सटीक होती है। उनके गद्य में भी नज़मों की रवानगी होती है। शब्दांकन पर आप पहले भी …
गुलज़ार की ज़ुबानी ,भवानीप्रसाद मिश्र के चार कौए (विडियो: साभार ' खटाक ') बहुत नहीं सिर्फ़ चार कौए थे काले, उन्होंने यह तय किया …
पंकज शुक्ल भारत के एक निहायत पिछड़े गांव मझेरिया कलां, उन्नाव (उ.प्र) में पैदा हुए और दिल्ली, मुंबई से लेकर लंदन, अमेरिका तक रिपोर्टिंग और फ…
We the homeless / बेघर हम Sukrita Pual Kumar / गुलज़ार सुकृता की कविता जब गुलज़ार के दिल से तर्जुमा होगी तो कैसा समां होगा... …
Happy birthday Gulzar sahab धुआँ — गुलजार बात सुलगी तो बहुत धीरे से थी, लेकिन देखते ही देखते पूरे कस्बे में 'धुआँ' भर …
खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो? गुलज़ार खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो? एक ख़ामोश-सा जवाब तो है। डाक से आया है तो कुछ कहा होगा "कोई …