असग़र वजाहत का नाटक 'ईश्वर-अल्लाह' | Asghar Wajahat's Play 'Ishwar-Allah' ईश्वर-अल्लाह (नाटक) असग़र वजाहत
हिंदी के कुछ प्रबुद्ध पाठक असग़र वजाहत को आज का मंटो मानते हैं लेकिन उनका नया नाटक 'अरितोपोलिस' उनके विचारक और चिंतक को सामने लाता है। नाटक…
बस 2 मिनट बोलो :: असग़र वजाहत बस 2 मिनट बोलो 2 मिनट में अपना सारा दुख सुख अपनी व्यथा अपना दर्द अपना भूत और अपना भविष्य कह डालो 2 …
आनंद कुरेशी के कहानी संग्रह 'औरतखोर' का लोकार्पण आनंद कुरेशी के कहानी संग्रह 'औरतखोर' का लोकार्पण "ब…
Dilliबोल १ ऑक्सफ़ोर्ड बुक स्टोर, कनॉट प्लेस में शुक्रवार की शाम अभूतपूर्व समा रहा। Audience बहुत भारी संख्या में लोग, जिनमें ज्य…
Dilliबोल #1 असग़र वजाहत वाया शिल्पी मारवाह एंड आरजे रौनक #DilliBol हिंदी के मशहूर लेखक, नाटककार, चिंतक, एक बेहतरीन इं…
Prabhakar Shrotriya is no more — Bharat Tiwari हिंदी साहित्य से प्रभाकर क्षोत्रिय का चले जाना कितनी बड़ी क्षति है इस बात का कुछ अंदाज़ा इस …
आज हिन्दूवादी संगठनों के पास जितनी ताकत है उतनी बाबरी मस्जिद तोड़ते समय भी नहीं थी। यदि राम मंदिर सरलता से बन जाता है। दंगे नहीं होते तो…