Urdu लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं
कविता—दोहे—ग़ज़ल—ओ—नज़्म :: गौरव त्रिपाठी
Ghazal: उलझ रहा हूं, सुलझ रहा हूं #प्रतापसोमवंशी ulajh raha hūñ @PratapSomvanshi
मैनें कब माँगी खुदाई मुस्कुराने के लिए... #shair #ghazal
उर्दू को कोई ख़तरा नहीं है
वो जला रहे हैं ये गुलिस्तां | #भरत_तिवारी
विडंबना-ए-हिंदी-ओ-उर्दू :मृणाल पाण्डे | #Hindi #Urdu
गुलज़ार - खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो? #Gulzar Nazm - Khali Kagaz...
नज़्म : ये टोपी और तिलक-धारी  ~ आलोक श्रीवास्तव | Nazm by Aalok Shrivastav