पाठक जब एकदम से लेखक के लिए चिंतित हो, और अपनी चिंता को संपादक के ज़रिये लेखक तक पहुंचाए, तब वह सिर्फ अपने लेखक से ही मुखातिब नहीं होता, वह उन स…
सबसे ज्यादा चिंताजनक इनके वो बेकाबू समर्थक हैं, जिनपर मैं नहीं बता सकता बीजेपी और उसकी सहयोगी संस्थाओं का काबू है या नहीं। — अभिसार शर्मा …
जब मीडिया संस्थानों का मालिक कौन है — पता ही नहीं हो, तब नेताओं और उनकी भाड़े की सेनाओं के लिए हमें ‘प्रेस्टीट्यूटस’ कहना आसान हो जाता है। …
क्या पुलिस बलात्कार के मुख्य आरोपी निखिल प्रियदर्शी को बचा रही है? संतोष सिंह, पटना से हैं, 22 फरवरी की देर शाम उन्होंने अपने फेसबुक प…
इंडिया टुडे के करण थापर ही एकमात्र एेसे पत्रकार थे, जिन्होंने सवाल उठाया कि कैसे चार गैर-सैनिक ब्रिगेड मुख्यालय की सारी सुरक्षा को चकमा दे…
मीडिया मे खबर चलने के बाद कि रूस अब पाकिस्तान युद्ध अभ्यास के लिए नहीं जाएगा, न सिर्फ रूस गया, बल्कि 1947 के बाद पहली बार... और उरी हमलों के ठी…
Media ki vartman sanskritik chetna सांस्कृतिक चेतना समाज के जीवन व्यापार का आईना होती है । इसके निर्माण का केंद्र बिन्दु वह मानवीयता है…
ज़रूर कुछ मजबूरियां रही होंगी, वरना यूँहीं कोई बेवफा नहीं होता... — अभिसार हमारा कर्तव्य है सवाल पूछना, है न ? मगर इस पूरे संदीप कुमार …