ना वे रथवान रहे.(एक गीति संवाद) - प्रेम शर्मा
तू न जिया न मरा ! - प्रेम शर्मा
सुन भाई हर्गुनिया, निर्गुनिया फाग - प्रेम शर्मा
बदले मन के प्रसंग - प्रेम शर्मा
मन-पाखी बेचैन - प्रेम शर्मा
बापू के देश ! - प्रेम शर्मा
हंस गान - प्रेम शर्मा
जीव गान - प्रेम शर्मा