उन्हीं के लोग चल रही है जोरदार बहस जोर जोर से चीखते हुए लोग सुनवाना चाहते हैं मनवाना चाहते हैं बात उन्हीं के वही लोग बाँट रहे हैं व…
लिसा पुलिस चौकी के पिछले दरवाज़े पर तेज़ी से भागती हुई पहुँची। नीले डेन्हिम के शॉर्ट्स उसकी लम्बी लम्बी गुलाबी टांगों के ऊपर टेढ़े होकर फंसे हुए …
सदना ने एफ. आई. आर. की कापी को फाड़कर उसके अनगिनत टुकड़े कर दिए। ऐसा करते हुए उसकी छाती और गले को खरोंचकर निकली आवाज़ ने लोगों के कान फाड़ दिए थे…
यादें ज़रूर जिंदा रहती हैं पर चेहरे पहचान में नहीं आते क्योंकि उन पर उम्र की लकीरें चढ़ जाती हैं और वो पहचाने न जाने की हद तक बदल जाते हैं। …
कृष्णा सोबती 'नए साल की देहरी पर' जनसत्ता 1 जनवरी 2013: साल के पहले दिन, जनसत्ता के मुखपृष्ठ पर, हम-स…
बाजों के फिर मुंह लगा ,इक चिडिया का खून | लेकिन पूरे देश में ,जागा एक जुनून || फिर चिड़िया की ज़िन्दगी ,लूट ले गए बाज | पहरेदारों को मगर , जरा …
कि सुखनवरों का खून क्यूँ कर ठण्डा हो गया है दर्द अंगड़ाई नहीं लेता ये क्या हो गया है ? क़त्ल या हो कोई बे-आबरू तुम्हें क्या मतलब ? ए खुदा तू ही…
किस हद्द तक राजनीति ग्रसित लोगों के बीच आज का अवाम रह रहा है. हमें लगता रहा कि कद्दावर नेताओं से शुरू हो कर, बीच में धार्मिक आदि रास्तों से हो क…