यथार्थवाद और नवजागरण : व्यक्ति की महानता की त्रसद परिणति-कथा - अमिताभ राय चंद्रधर शर्मा गुलेरी के अनुसार उनके समकालीन दो प्रकार की र…
विमलेश त्रिपाठी की कविताएं तीसरा एक कवि ने लिखा 'क' से कविता दूसरे ने लिखा 'क' से कहानी तीसरा चुप था बाकी दो के लि…
ज़ख्म - डॉ. रश्मि कैसा है यह द्वंद्व, समझ ही नहीं पा रही हूँ........... एक तरफ ‘तुम’ हो.....तो दूसरी तरफ है ‘वो’। प्रेम के ये दोनों सिरे मुझ…
अब जो प्रस्तुत है उसका आधार है जैसा मैने जाना के अलावा जैसा राजेन्द्र जी ने जहां तहां लिखा और उसे जैसा मैने पढ़ा। – अर्चना वर्मा आत्मकथ्य सिर्फ अप…
गुरिंदर आज़ाद कवि और दलित एक्टिविस्ट हैं। उनके लेखे डाकुमेंट्री फ़िल्म निर्माण, पत्रकारिता, सामाजिक विषय लेखन जैसे अन्य काम भी हैं। बठिंडा में एक …
कुछ इधर से कुछ उधर से आ गए पत्थर कई घर को खाली देख कर बरसा गये पत्थर कई दो जमातों में हुआ कुछ ज़ोर से ऐसा फसाद देखते ही देखते टकर…
ग़ालिब छुटी शराब, शेखर - एक जीवनी, गुनाहों का देवता, राग दरबारी और जॉनाथन लिविंग स्टोन सीगल में क्या चीज़ कॉमन है ? ये उन पुस्तकों के नाम हैं - जिन्ह…
एक विचार के रूप में हमारे साथ सदा रहेंगे राजेन्द्र यादव अजित राय ठीक रात के बारह बजे जब तारीख बदलती है, जब 28 अक्टूबर 2013 की जगह चुपके से 29 अ…