हम सोचते बहुत हैं मगर महसूस बहुत कम करते हैं। - चार्ली चैप्लिन (एक नहीं हुई गोष्ठी की संक्षिप्त रपट। वक्ताओं के चेहरे नहीं थे, उन्होंने मुखौटा पहन …
श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान की तीसरी कड़ी में वर्ष 2013 के लिए यह सम्मान शुक्रवार 31 जनवरी, को हिन्दी के प्रमुख कथाकार संजीव को प्रदान क…
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एक आंधी है, जो कि अंधी है... अशोक गुप्ता केजरीवाल से घंटा-घंटा भर की कार्यवाही का हिसाब माँगा जा रहा है, जिसमें महाजनी पार्टी की उछलकूद सबसे आग…
अनुभूत मनोदशाओं का एक दस्तावेज़ "पराया देश" देवी नागरानी प्राण शर्मा हिंदी के लोकप्रिय कवि और लेखक हैं, गीत एवम ग़ज़ल के जाने माने ह…
दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज के पत्रकारिता विभाग में प्रोफेसर वर्तिका नंदा, एक सौम्य और सशक्त पत्रकार, चिंतक, कवयित्री और मीडिया श…
( ADVT ) कृपया अपनी प्रति अभी से आरक्षित करवा लें।विशेषांक की एक प्रति का मूल्य ₹ 50/- मात्र है। आजीवन सदस्यता के लिए ₹ 1000/-(शुल्क) , लमही (L…
तुम हो तो... मेरी नज़र में - वंदना गुप्ता पाथेय प्रकाशन जबलपुर से प्रकाशित कवयित्री प्रतिमा अखिलेश का प्रथम काव्य संग्रह "…
कही ऐसा तो नहीं कि समाज में फैली जिस गंदगी को लेकर हम बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, उसका श्रोत भी हम ही हैं? रवीश का ये आलेख पढ़ कर, उनका दुःख समझ आता है.…
गणतंत्र और स्त्री - मैत्रेयी पुष्पा यह कैसा गणतंत्र है कि महिला आरक्षण बिल कब से लटका पड़ा है। पंचायती राज में महिलाओं को जो आरक्ष…