21वीं सदी: सकारात्मक पक्ष की सदी आशीष कंधवे ऐसे काल में जब बाजारवाद का साम्राज्य मनुष्य एवं मनुष्यता को भी लाभ-हानि के पलड़े पर तौलकर देखता …
नरेंद्र मोदी का मिशन 2014 सबसे ज्यादा इस प्रचार पर टिका है कि उनके रहते गुजरात का जैसा विकास हुआ, वैसा ही पूरे देश का होगा। इस विकास की गूंज इतनी…
अगर वे ( मोदी ) 2002 के कत्लेआम में अपने शासन की विफलता के लिए ही माफी मांग लें तो ‘मोदी-मोदी’ का जयघोष करता वर्ग उनसे फौरन छिटक जाएगा - ओम थानवी…
कवितायेँ - हेमा दीक्षित हेमा दीक्षित, विधिनय प्रकाशन, कानपुर द्वारा प्रकाशित द्विमासिक विधि पत्रिका 'विधिनय' की सहायक संपादिका हैं। कानपु…
चौं रे चम्पू — अशोक चक्रधर — चौं रे चम्पू! इत्ती बार मिलायौ, फोन चौं नाय उठावै? — बेहोशी की हालत में कैसे उठाता चचा? मेरा ऑपरेशन चल र…
राग देश .... और देश सोने की चिड़िया बन जायेगा! - क़मर वहीद नक़वी लो जी, अब ख़ुश! लहर आ गयी है! सब जगह लहर बोल रही है. देखो रे देखो, मैं…
गोरी - चिट्टी कमला की क्या बात है ! घर का हर काम वह समय पर निबटाना पसंद करती है। मधुर भाषी है लेकिन अनुचित बात पर वह गुस्सा भी खाने में गुरेज़ नहीं …
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र बड़ी संख्या में लेखकों-कलाकारों-संस्कृतिकर्मियों ने अपने हस्ताक्षर के साथ निम्नांकित अपील जारी की है: इस चुनाव …