कवितायेँ: स्वप्निल श्रीवास्तव (hindi kavita sangrah)
मर्दानगी रक्षा करने में होती है - नीरजा पांडेय
अशोक सेकसरिया अच्छाई उपजाने वाले व्यक्ति थे - प्रयाग शुक्ल
राग दरबारी - आलोचना की फांस: रेखा अवस्थी
नाटक: "एक शहर की मौत" - विजय कुमार सप्पत्ति
अशोक सेकसरिया बेहद सादा तबीयत के आदमी थे  - नीलाभ अश्क