यह असहनीय और असहनशील युग है - कृष्ण बिहारी
कहानी : रेहन पर पांच बेटे - भूमिका द्विवेदी अश्क
‘राग दरबारी’ तीन कौड़ी का उपन्यास है  - विजय मोहन सिंह
एक पराधीन राष्ट्र की सबसे बड़ी और आधुनिक चेतना राष्ट्रवाद ही होगी - प्रियंवद | Renaissance - Priyamvad