कहानी: इनसानी नस्ल - नासिरा शर्मा
भाषांतर अनुभव
गैर जिम्मेदार समीक्षा - मैत्रेयी पुष्पा
यह असहनीय और असहनशील युग है - कृष्ण बिहारी
कहानी : रेहन पर पांच बेटे - भूमिका द्विवेदी अश्क
‘राग दरबारी’ तीन कौड़ी का उपन्यास है  - विजय मोहन सिंह