बढ़े हैं साहित्य में अवसर ~ वंदना सिंह हिंदी साहित्य में हाल के दिनों में जिन युवा लेखकों ने अपने लेखन से साहित्य जगत का ध्यान अपन…
खोल दो -सआदत हसन मंटो अमृतसर से स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे चली और आठ घंटों के बाद मुगलपुरा पहुंची। रास्ते में कई आदमी मारे…
ओ.पी. नैय्यर अपनी किंग साइज़ ईगो के ग़ुलाम थे... तेजेन्द्र शर्मा ~ शिखा वार्ष्णेय “ ओ.पी. नैय्यर यदि स्वाभिमानी होते तो दूसरों के स्वा…
मेरे हमदम, मेरे दोस्त - अल्पना मिश्र आज फिर सुबोधिनी को लगा कि उसके पीछे पीछे कोई ऐसे चल रहा है, जैसे पीछा कर रहा हो। वह और तेज चलने लगी।…
युवा / Movie Review: Uvaa ~ दिव्यचक्षु फिल्म समीक्षा - युवा फिल्म की कहानी में संभावनाएं हैं लेकिन निर्देशकीय कल्पनाशीलता बेहद क…
हंसी का भैसा लोटन / Movie Review: Miss Tanakpur Haazir Ho ~ दिव्यचक्षु फिल्म समीक्षा - मिस टनकपुर हाजिर हो फिल्म का हास्य थोडा भदेस…
27, 28, 29, 30 जून ~ वाणी प्रकाशन, हिंदी के श्रेष्ठ कथाकारो की तीन पुस्तकें आकर्षक ऑफर के रूप में पाठकों को मात्र ₹250* + डाक व्यय (अतिरिक्त…
शिक्षामंत्री ही जहाँ अनैतिक फरजीवाड़े में मुब्तिला हो, वहाँ शिक्षा का हश्र क्या होगा? - ओम थानवी स्मृति ईरानी के फरजीवाड़े की बात निक…
इंदिरा दाँगी ने वर्तमान हिंदी कथाजगत से उस युवा कहानीकार की कमी पूरी की है जिसका लेखन न सिर्फ़ रोचक है बल्कि विषयों को अपने ख़ास-तरीके से पेश भी करता ह…
दिल उन्हें 'पन्ना देवी' कह रहा है - भरत तिवारी प्र भात रंजन के लघु प्रेम की बड़ी कहानियां 'कोठागोई' का किस्सा ' गुमन…
अमेरिकन पेट्रोमैक्स – नबारुण भट्टाचार्या कोने से दिख रहा है, फ़्लाईओवर के उपर से तरह-तरह के मॉडल और साईज़ की गाड़ियाँ जा रही हैं, जि…
'वर्तमान साहित्य' अप्रैल, 2015 साहित्य, कला और सोच की पत्रिका सदस्यता प्रपत्र डाउनलोड करें वर्ष 32 अंक 4 अप्रैल, 2015 …