ग़ालिब छुटी शराब, शेखर - एक जीवनी, गुनाहों का देवता, राग दरबारी और जॉनाथन लिविंग स्टोन सीगल में क्या चीज़ कॉमन है ? ये उन पुस्तकों के नाम हैं -…
तोड़ गए वादा छोड़ गए साथ ००००००००००००००००
पिछले दिनों सोशलमिडिया ख़ासकर ट्विटर पर एनडीटीवी को लेकर जिस तरह की बेलगाम बयानी (ट्वीटस्) हुई उसने सोशल मिडिया के गिरते स्तर के ऊपर उठते ग्रा…
माल्दा, मुसलमान और कुछ सवाल! - क़मर वहीद नक़वी माल्दा एक सवाल है मुसलमानों के लिए! बेहद गम्भीर और बड़ा सवाल. सवाल के भीतर कई …
दर्द को दोहराया नहीं जा सकता - सुशील उपाध्याय की कवितायेँ दुखती रग पर हाथ! दुखती रग पर रखे गए तुम्हारे हाथ को, अपना समझकर स्वी…
कविता और रेखाचित्र ~ अनुप्रिया अनुप्रिया सुपौल, बिहार कवियित्री, रेखा-चित्रकार संपर्क : श्री चैतन्य योग गली नंबर -27,फ्लैट न…
शहर की सुबह - इंदिरा दांगी रचना घर से दूध की थैलियाँ लेने निकली है। ऊँचाई-तराईनुमा बेढब इलाक़े में बने एलआईजी, एमआईजी, अपार्टमेंटों…
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से मेरा सामना - भरत तिवारी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से मेरा सामना पहली बार 2012 में हुआ. तब की बड़ी हसीन यादें हैं…
साहित्यक सर्वे में लापरवाही का “खेल’ ~ अनंत विजय आज से करीब सोलह साल पहले की बात है । दिल्ली के एक प्रतिष्ठित दैनिक में साहित्यिक पु…
सम विषम दिल — अशोक चक्रधर —चौं रे चम्पू! सम और विसम के चक्कर में दिल्ली के दिल कौ का हाल ऐ? —दिल में सम-विषम संख्याएं नहीं होतीं…
मैं अ से अनार लिखता - रेवन्त दान बारहठ की कवितायेँ 'अ' से मैं अ से अनार लिखता या अलिफ़ लिखता एक ही तो बात थी पर मुझ से …
वह बहुत डरता है राजदण्ड से जितेन्द्र श्रीवास्तव की कविताएँ >>सरकारों के स्वप्न में वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का समय करी…