इन दिनों हिंदी में साहित्यिक विवादों की जगह व्यक्तिगत राग-द्वेष ने ले ली है — अनंत विजय ‏@anantvijay
अतिथि तुम कब जाओगे atithi tum kab jaoge
साहेब को सब पता है -  कपिल मिश्रा वाया अमित शाह
मिडिया की वर्तमान सांस्कृतिक चेतना | Cultural awareness of the media
प्रेमा झा की कवितायेँ | Poems of Prema Jha
केजरीवाल चाहते तो दिल्ली को बेहतरीन सरकार दे सकते थे — अपूर्व जोशी
Sukrita's 'बेघर हम' by #Gulzar... #WeTheHomeless
आजकल पत्रकार बंधुओं में जिज्ञासा कम होने लगी है — अभिसार @abhisar_sharma
इक्कीसवीं सदी और ट्रिपल तलाक़ | Pritpal Kaur on #TripleTalaq issue
शिक्षक का अपमान, देश के कमजोर होने का प्रमाण है — दीपक भास्कर #TeachersDay
गगन गिल  —  ऋषिका महादेवी | Gagan Gill Via Mahadevi Verma