कविता के उद्देश्य को साकार करतीं नवोदित कवि विनोद कुमार दवे की कवितायेँ Poems of Vinod Kumar Dave तुम कहां थे तुम कहां थे …
मर्दानी आँख प्रितपाल कौर हलके गुलाबी रंग के कुरते में गहरे रंग की प्रिन्ट दार पाइपिंग से सजी किनारी वाली कुर्ती उसकी गोरी…
गलत पते की चिट्ठियां योगिता यादव स्त्रीविमर्श को एक और सिपाही मिल रहा है, योगिता यादव की ख़ूबसूरत शिल्प में रची बढ़िया कहानी 'गलत पते की…
दिल्ली में नींद उमा शंकर चौधरी यह दिल्ली जो कि एक विशाल शहर है उसमें यह भी जिन्दगी का एक रंग है। जहां हवा है, पानी है, मिट्टी है, भोजन है …