लोकार्पण:  ‘ख़्वाब ख़याल और ख़्वाहिशें’ - कैप्टन नूर
नव समानान्तर सिनेमा - सुनील मिश्र
टेसू - संजय वर्मा "दृष्टि"
गोल्डी साहब के साथ होली - दिलीप तेतरवे
होली आई रे - आर्ची मिश्रा पचौरी
दोहे और कुण्डलियाँ - संतोष त्रिवेदी
बुरा न मानो होली है - पद्मा मिश्रा
फागुन का हरकारा - गीतिका 'वेदिका'
होली के मुक्तक - सुधेश
खेलूंगी  ई-होली! - सुमन सारस्वत
गन्ध : कहानी - श्याम सखा 'श्याम'
'मुझे बोन्साई अच्छे नहीं लगते' कवितायेँ : प्राणेश नागरी
माँ कहती है परी हूँ मैं... आँचल उन्नति
बिट्टू की मुलाकात (संस्मरण) - ड़ॉ प्रीत अरोड़ा
डॉ सरस्वती माथुर की कवितायेँ