
एक हुए नीलाभ अश्क और भूमिका द्विवेदी
- शब्दांकन
हिंदी साहित्य जगत को पिछले वर्ष नीलाभ अश्क और उनकी पत्नी भूमिका द्विवेदी के बीच हुए झगड़े को लेकर बेवजह के विवाद से दो-चार होना पड़ा. अभी अच्छी ख़बर यह है कि यह बात एक बार पुनः सही सिद्ध हुई कि पति-पत्नी का झगड़ा ज्यादा वक़्त का नहीं होता. जब यह विवाद हुआ था तब मैंने नीलाभ जी के पक्ष को आप सबके सामने रखा था और आज बेहद ख़ुशी के साथ वह पत्र आपके सामने रख रहा हूँ जो उस विवाद के अंत का सबूत है. भूमिका और नीलाभ जी को मेरी शुभकामनाएं.
भरत तिवारी

8/2/2016
सेवा में,
थानाध्यक्ष
लोनी थाना
जिला गाज़ियाबाद
महोदय,
निवेदन है कि मैं नीलाभ अश्क पुत्र स्व० श्री उपेन्द्रनाथ अश्क विगत 3 मई 2015 तक अपनी पत्नी श्रीमती भूमिका द्विवेदी के साथ बी-1/29 अंकुर विहार, लोनी, गाज़ियाबाद में रह रहा था. तदुपरान्त मैं बुराड़ी, दिल्ली, में माकन नं 6 में, अपनी इच्छा से आ कर रहने लगा था.
मैंने अपनी पत्नी तथा उनकी माता जी श्रीमती रेखा द्विवेदी सारस्वत पर अपनी जान लेने का जो निराधार आरोप लगाया था, वह हताशा, क्रोध और आवेश में लगाया था. इसे मैं वापस ले रहा हूँ पूरे होशोहवास और दुरुस्त मानसिकता के साथ.
मेरे इस निराधार आरोप से मेरी, मेरी पत्नी और मेरी सास की जो सामाजिक और पारिवारिक क्षति हुई है उससे मुझे क्षोभ है और मैं ऐसा न करने का आश्वासन देता हूँ.
अब मेरे और मेरी पत्नी के बीच के सभी विवाद समाप्त समझे जाएँ.
भवदीय
नीलाभ अश्क.
थानाध्यक्ष
लोनी थाना
जिला गाज़ियाबाद
महोदय,
निवेदन है कि मैं नीलाभ अश्क पुत्र स्व० श्री उपेन्द्रनाथ अश्क विगत 3 मई 2015 तक अपनी पत्नी श्रीमती भूमिका द्विवेदी के साथ बी-1/29 अंकुर विहार, लोनी, गाज़ियाबाद में रह रहा था. तदुपरान्त मैं बुराड़ी, दिल्ली, में माकन नं 6 में, अपनी इच्छा से आ कर रहने लगा था.
मैंने अपनी पत्नी तथा उनकी माता जी श्रीमती रेखा द्विवेदी सारस्वत पर अपनी जान लेने का जो निराधार आरोप लगाया था, वह हताशा, क्रोध और आवेश में लगाया था. इसे मैं वापस ले रहा हूँ पूरे होशोहवास और दुरुस्त मानसिकता के साथ.
मेरे इस निराधार आरोप से मेरी, मेरी पत्नी और मेरी सास की जो सामाजिक और पारिवारिक क्षति हुई है उससे मुझे क्षोभ है और मैं ऐसा न करने का आश्वासन देता हूँ.
अब मेरे और मेरी पत्नी के बीच के सभी विवाद समाप्त समझे जाएँ.
भवदीय
नीलाभ अश्क.
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