tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post3759887140521432219..comments2024-03-29T09:31:38.264+05:30Comments on Shabdankan शब्दांकन: राग दरबारी - आलोचना की फांस: रेखा अवस्थीBharathttp://www.blogger.com/profile/09488756087582034683noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-30233984445411462862014-12-06T15:54:20.690+05:302014-12-06T15:54:20.690+05:30राग दरबारी हिंदी के उन उपन्यासों में जो अभिजन भाषा...राग दरबारी हिंदी के उन उपन्यासों में जो अभिजन भाषा का निषेध करता है.वह लोक के उन इलाको में दाखिल होता है जहां टुच्ची और भदेश राजनीति का खेल होता है.श्रीलाल जी ने उस यथार्थ को पकड़ने की कोशिश की है.किसी कृति के मूल्यांकन में आलोचक की दृष्टि की भूमिका होती है.रागदरबारी के पक्ष और विपक्ष में आलोचको ने अपना मत प्रकट किया है.यह पुस्तक रागदरबारी को जानने में हमारी मदद करती है.महत्वपूर्ण उपन्यास कभी विवादों के परे नहीहोते..Swapnil Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10836943729725245252noreply@blogger.com