tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post4079539510894942874..comments2024-03-19T11:00:05.694+05:30Comments on Shabdankan शब्दांकन: चोरी है ईमान मेरा, लेखक बनना चाहतें — अनंत विजयBharathttp://www.blogger.com/profile/09488756087582034683noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-64395136837801992002017-11-19T22:40:47.218+05:302017-11-19T22:40:47.218+05:30बहुत ही चिंतन परक विषय है | सच है किसी के मौलि...बहुत ही चिंतन परक विषय है | सच है किसी के मौलिक लेखन सम्पदा की चोरी ना केवल निंदनीय है बल्कि घोर साहित्यिक अपराध भी है | इस को रोकने का भले ही कोई सार्थक तरीका न हो पर सजगता इसका एकमात्र निदान जरुर हो सकती है | जब भी चोरी की कोई रचना चिन्हित हो तो उसकी सार्वजनिक निंदा से घबराकर चोरी करने वाले छद्म लेखक शर्मिंदा तो जरुर होंगे तो वहीँ दुसरे लोग भी सबक लेंगे | आभार इस लेख के लिए | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.com