tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post4909204559408540576..comments2024-03-29T09:31:38.264+05:30Comments on Shabdankan शब्दांकन: जानिये #मीटू और उसे हम कैसे बरत रहे हैं — यशस्विनी पांडेय #MeToo Bharathttp://www.blogger.com/profile/09488756087582034683noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-10158707152436118582018-11-04T17:52:15.075+05:302018-11-04T17:52:15.075+05:30सही कहा आपने। एकाएक लग रहे आरोपों से कहीं ना कहीं ...सही कहा आपने। एकाएक लग रहे आरोपों से कहीं ना कहीं वह मूल धारणा जिसके विरोध में, जिसके विद्रोह के लिए स्वर उठाया गया वह भ्रमित सा हुआ दिखाई पड़ता है। अनभिज्ञम्https://www.blogger.com/profile/15567040269973444708noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-77940172826134619412018-10-21T00:03:39.294+05:302018-10-21T00:03:39.294+05:30ऐसे किसी विचार को शुरू में ही ना पनपने दिया जाय l ...ऐसे किसी विचार को शुरू में ही ना पनपने दिया जाय l बिलकुल सही लिखा है आपने lDharmendra tripathihttps://www.blogger.com/profile/10475508924263690760noreply@blogger.com