tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post5313533047474390883..comments2024-03-29T09:31:38.264+05:30Comments on Shabdankan शब्दांकन: मृत्यु , हत्या और आत्महत्या भी कई तरह की होती है: कृष्ण बिहारी | Krishna Bihari on Rajendra YadavBharathttp://www.blogger.com/profile/09488756087582034683noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-2001985852436778492014-06-12T12:03:03.057+05:302014-06-12T12:03:03.057+05:30बहुत जोरदार सम्पादकीय है। आत्महत्या हत्या और म्र्त...बहुत जोरदार सम्पादकीय है। आत्महत्या हत्या और म्र्त्यु जो भी आप कहे उसमें आदमी तो चला ही जाता हैऔर हम उसके जाने के कारणों का विश्लेषण करते रहते है। राजेंद्र यादव मी म्रत्यु जावन से परे एक तरह का अतिक्रमण थी। लेकिन यह तय है उन्होने जीवन को अपनी शर्तो और जिद्द पर जिया।ुन्होने विवादस्पदता को जीने का ढगं बनाया और पाठको के दिल में धडकते रहे ।यह कम योगदान नही है। वे जब भी याद आयेगे तो खूब याद आयेगे।Swapnil Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10836943729725245252noreply@blogger.com