tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post7902144330873470777..comments2024-03-20T22:06:43.980+05:30Comments on Shabdankan शब्दांकन: शादी के पहले - प्राण शर्मा की एक छोटी सी कहानी | Kahani - Pran SharmaBharathttp://www.blogger.com/profile/09488756087582034683noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-83862458594466457622014-04-11T22:32:19.982+05:302014-04-11T22:32:19.982+05:30बहुत अच्छी लगी कहानी. सुसन ने अलग होने का फैसला लि...बहुत अच्छी लगी कहानी. सुसन ने अलग होने का फैसला लिया क्योंकि उसकी संस्कृति में दूसरों की समस्या से अलग हो जाना सहूलियत भरा है. हालांकि मधुमेह की बीमारी ऐसी नहीं जिससे उसने ऐसा निर्णय लिया. लेकिन सोनू के लिए सबक है कि वह खुद को पहचाने, प्रेम और आकर्षण को समझे. अच्छी कहानी के लिए बधाई.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-16681248037780338302014-04-11T22:31:09.319+05:302014-04-11T22:31:09.319+05:30बहुत अच्छी लगी कहानी. सुसन ने अलग होने का फैसला लि...बहुत अच्छी लगी कहानी. सुसन ने अलग होने का फैसला लिया क्योंकि उसकी संस्कृति में दूसरों की समस्या से अलग हो जाना सहूलियत भरा है. हालांकि मधुमेह की बीमारी ऐसी नहीं जिससे उसने ऐसा निर्णय लिया. लेकिन सोनू के लिए सबक है कि वह खुद को पहचाने, प्रेम और आकर्षण को समझे. अच्छी कहानी के लिए बधाई. डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-82604710080146819382014-04-11T15:10:32.949+05:302014-04-11T15:10:32.949+05:30प्राण साहेब , क्या कहूँ , आपकी कहानी ऐसी पढ़ी , जै...प्राण साहेब , क्या कहूँ , आपकी कहानी ऐसी पढ़ी , जैसे कोई फिल्म सी चल रही हो . इस बार आपके शब्दों में मौजूद जादू छा सा गया . मुझे दिल को छो गयी आपकी ये छोटी सी लेकिन ज़िन्दगी में मौजूद practicality को दिखाती हुई. आपका आभार इतनी अच्छी कथा को पढवाने के लिए. देरी से आने के लिए माफ़ी . हमेशा की तरह आपका विजय <br />vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-50727204985191435792014-04-11T15:09:50.102+05:302014-04-11T15:09:50.102+05:30प्राण साहेब , क्या कहूँ , आपकी कहानी ऐसी पढ़ी , जै...प्राण साहेब , क्या कहूँ , आपकी कहानी ऐसी पढ़ी , जैसे कोई फिल्म सी चल रही हो . इस बार आपके शब्दों में मौजूद जादू छा सा गया . मुझे दिल को छो गयी आपकी ये छोटी सी लेकिन ज़िन्दगी में मौजूद practicality को दिखाती हुई. आपका आभार इतनी अच्छी कथा को पढवाने के लिए. देरी से आने के लिए माफ़ी . हमेशा की तरह आपका विजय <br />vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-90500943562062040602014-04-02T15:47:23.571+05:302014-04-02T15:47:23.571+05:30कहानी के शीर्षक से ये आभास मिल जाता है कि शादी के ...कहानी के शीर्षक से ये आभास मिल जाता है कि शादी के पहले वाला प्यार शादी के बाद नहीं रहने वाला है।बीमारी इतनी ख़तरनाक भी नहीं थी उसका कुशल प्रबंधन न हो सके, आपने नायिका का कोई अंतर्द्वन्द दिखाये बिना उसका निर्णय बता दिया। शायद ये प्यार प्यार था ही नहीं। आम तौर पर ऐसी परिस्थिति मे नायक बलिदान करके अपने प्यार से नायिका को मुक्त करता है... यही अपेक्षा की जाती है। नायिका ने अपने रोगी प्रेमी को छोड़ दिया वो प्रैक्टिकल हो गई या स्वार्थी...यही सवाल है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07768080564967277935noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-15323867312808909742014-04-01T18:58:49.509+05:302014-04-01T18:58:49.509+05:30प्राण जी,
पता नहीं क्यों मुझे लगता है कि सोनू सूस...प्राण जी,<br /><br />पता नहीं क्यों मुझे लगता है कि सोनू सूसन को छोड़ने का फैसला नहीं करता, शायद यह मेरी भारतीय सोच है |<br />आपने इस लघु कथा के माध्यम से दो मनोवृत्तियों को सहज रूप से प्रस्तुत किया है | सुन्दर कहानी | बधाई आपको |Shashi Padhahttps://www.blogger.com/profile/00598501778506881242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-70618213537394122752014-04-01T05:41:15.135+05:302014-04-01T05:41:15.135+05:30वक्त का तकाजा है और आपकी कलम का पैनापन...याद रहेगी...वक्त का तकाजा है और आपकी कलम का पैनापन...याद रहेगी कहानी बहुत दिनों तक!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-86617110124653620492014-03-31T20:06:32.517+05:302014-03-31T20:06:32.517+05:30अच्छी कहानी है शर्मा जी अच्छी कहानी है शर्मा जी www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-91102067093445542962014-03-31T17:22:45.352+05:302014-03-31T17:22:45.352+05:30सत्य के सामना हर किसी को करना पड़ता है ... पर उसकी ...सत्य के सामना हर किसी को करना पड़ता है ... पर उसकी कठोरता को समझ कर निर्णय भी हो सकता है वो भी प्रेम का ... सोचा न था ...सोचने को मजबूर करती कहानी है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-8050474146668802882014-03-31T17:12:59.114+05:302014-03-31T17:12:59.114+05:30प्रिय भाई प्राण शर्मा जी आपकी कहानी ने मन को गहरे ...प्रिय भाई प्राण शर्मा जी आपकी कहानी ने मन को गहरे छू लिया,मैं सोचता हूँ कि हमारी संस्कृति आज भी गहरी है जहां जुड़ने के उपरान्त विछोह की ओर कदम जाते दिखाई नहीं देते बल्कि वहां त्याग नहीं जुड़ाव की भावना अपने आँचल में लेकर जिन्दगी को नए आयाम से जोड़ देती है,बधाई. ashok andreyhttps://www.blogger.com/profile/03418874958756221645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-76795085321902626072014-03-31T17:12:34.479+05:302014-03-31T17:12:34.479+05:30प्रिय भाई प्राण शर्मा जी आपकी कहानी ने मन को गहरे ...प्रिय भाई प्राण शर्मा जी आपकी कहानी ने मन को गहरे छू लिया,मैं सोचता हूँ कि हमारी संस्कृति आज भी गहरी है जहां जुड़ने के उपरान्त विछोह की ओर कदम जाते दिखाई नहीं देते बल्कि वहां त्याग नहीं जुड़ाव की भावना अपने आँचल में लेकर जिन्दगी को नए आयाम से जोड़ देती है,बधाई. ashok andreyhttps://www.blogger.com/profile/03418874958756221645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7457103707258421115.post-8806477896560929022014-03-31T15:40:26.810+05:302014-03-31T15:40:26.810+05:30कभी कभी न चाहते हुये कुछ अलग निर्णय लेने पड जाते ह...कभी कभी न चाहते हुये कुछ अलग निर्णय लेने पड जाते हैं ।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com