आज़ादी और विवेक के पक्ष में प्रलेस, जलेस, जसम, दलेस और साहित्य-संवाद का साझा बयान और आगामी कार्यक्रमों की सूचना देश में लगातार बढ़ती हुई हिंसक…
आगे पढ़ें »अभिनेत्री ~ विनोद भारद्वाज कहानी वह बहुत आकर्षक थी। आज की भाषा में बोल्ड ऐंड ब्यूटीफुल। सेक्सी। उस जमाने में हम उसे ‘म…
आगे पढ़ें »मीडिया तुम्हे शर्म नहीं आयी ! - भरत तिवारी मीडिया ! तुमनेे सुर्खियाँ बटोरने वाली हेडलाइन लिखी है मीडिया तुम्हे शर्म नहीं आयी? अस्सी…
आगे पढ़ें »क्या हम साहित्य अकादमी को कमज़ोर बना रहे हैं मृदुला गर्ग मैं वह दुविधा अपने साथी लेखकों से साझा करना चाहती हूँ, जिसने मुझे परेशान कर दिया ह…
आगे पढ़ें »जो विरोध करना चाहते हैं उनके अपने-अपने तरीके होते हैं - भरत तिवारी जो विरोध करना चाहते हैं उनके अपने-अपने तरीके होते हैं। यह भी देखना होता …
आगे पढ़ें »बाक़र गंज के सैयद 4 ~ असग़र वजाहत लखनऊ आते वक्त ज़ैनुलआब्दीन ख़ाँ मिसरी बेगम और बच्चों को मुर्शिदाबाद छोड़ आये थे। लखनऊ में महलसरा बनवा लेन…
आगे पढ़ें »पद्म श्री व साहित्य अकादमी पुरस्कार सम्मानित प्रसिद्घ लेखिका और उपन्यासकार शशि देशपांडे ने साहित्य अकादमी की जनरल काउंसिल से इस्तीफा दे दिया है…
आगे पढ़ें »सम्मान लौटा देना मोदी - भाजापा विरोध का मानक या आधार न माना जाए - असग़र वजाहत हिंदी और अंग्रेजी के तीन महत्वपूर्ण लेखकों ने साहित्य अका…
आगे पढ़ें »भाई परमानंद और स्वराज्य लेखक : पंडित जवाहरलाल नेहरू नेहरू जी का हिन्दी में यह पहला लेख है। इसे उन्होंने अलमोड़ा जेल में लिखा था और विलायत ज…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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