जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल वर्ष में पुस्तकों के लांच का भी सबसे बड़ा ठिकाना बन गया है
अशोक वाजपेयी: असहमति,बहुलता,सहिष्णुता के परिसर नहीं रह गए हैं विवि
रवीन्द्र कालिया, क्या - क्या याद करूँ - उमेश चौहान
रोहित वेमुला : सितारों के कणों का एक शानदार सृजन #RohithVemula
प्रेम कहानी : कुछ पन्ने इश्क़ - इरा टाक |
अशोक वाजपेयी - अपने किए को अवमूल्यित किए जाते देखना त्रासद है