औरतें सदियों पहले ही बोन्साई बना दी गईं थी — देवी नागरानी | Review: Ek Thaka Hua Sach
ज़िन्दगी मेल — कहानी — हरिओम hindi-kahani-zindagi-mail-hariom
"इस इंडियन को निकालो" — न्यूयार्क में पाकिस्तान
हंस में प्रकाशित कहानी 'मकतल में रहम करना' — प्रेम भारद्वाज
'विश्व कविता समारोह' का पुरस्कार वापसी से कोई संबंध नहीं है — अशोक वाजपेयी
कहानी  — 'परिवर्तन' — अकु श्रीवास्तव — Aaku Srivastava