प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ढूँढो अँधेरे कोनों से बाहर निकलो और आवाज़ बुलन्द करो — हमें यह मंज़ूर नहीं — शबनम हाश्मी …
अभिसार लिख रहे हैं, लगातार बोल रहे हैं, मगर क्या आप उन्हें पढ़, समझ भी रहे हैं? अपनी अक्ल को ख़ुद ठिकाने लगाना अक्लमंदी होती है साहब, यह रहा उन…
केला गणराज्य भारत वाकई एक केला गणराज्य बनने की ओर अग्रसर है। केला गणराज्य? यानी कि, ये क्या होता है जी ? दरअसल आज से कई साल पहले बीबीस…
किसे होना चाहिये आपका आदर्श? — प्रज्ञा कहानी को कहानी रहने दीजिये, स्त्री का आत्मसम्मान, उसका आदर्श इससे कहीं ज्यादा ऊंचा है। …
इंडिया टुडे साहित्य वार्षिकी में प्रकाशित आंकाक्षा पारे की कहानी नीम हकीम रक्कू भैया का कहा ब्रहृम वाक्य। ऐसे कैसे टाल दें। तीन दिन…
योगी, रानी पद्मावती पर मेरा नया ब्लॉग — अभिसार शर्मा एक सरकार, हिंसा करने वाली किसी संस्था का ज़िक्र कर रही है, अपनी बेबसी और नाकामी क…