कर्ण - जीवन भर... — सुमन केशरी | Suman Keshari ki Kavitayen
छोड़ आये हम वो गलियाँ — ममता कालिया
शार्टकट कवितइ — कविता का कुलीनतंत्र (5) — उमाशंकर सिंह परमार
जैज़ की रात
अगर कोई तुम्हें बादल देता है / तो मैं बारिश दूँगा — प्रकाश के रे द्वारा अनुदित कवितायेँ