विज्ञापन लोड हो रहा है...
कृपया एडब्लॉक बंद करें। हमारा कंटेंट मुफ्त रखने के लिए विज्ञापन ज़रूरी हैं।

रंगीन होते ख़्वाब — रीता दास राम की कहानी | Reeta Das Ram ki Kahani

रीता दास राम अपनी इस ईमानदार कहानी ‘रंगीन होते ख़्वाब’ में लिखती हैं: 
कोई झेल पाता है कोई नहीं। बस आत्म-सम्मान ज़िंदा रहे। उसके बिना चलना ज़िंदा मौत है। झेलना तो अपनी ख़ुद की ईमानदार तैयारी पर निर्भर है। रुकावटें कहाँ नहीं आती। व्यक्ति पार पाने की कम से कम कोशिश तो करे। समय अपने आप सामने-सामने रास्ता बताता चलता है।
रीताजी को शब्दांकन के लिए कहानी लिखने का आभार और शुक्रिया। ~ सं०  

असल में तो ये एक साहित्यिक विवाह है - भूमिका द्विवेदी अश्क | Bhumika Dwivedi Ashk - Interview

भूमिका द्विवेदी अश्क की साहित्यिक यात्रा का 2023 दशक वर्ष है। उनकी पहली कहानी 2013 में प्रकाशित हुई थी। भूमिका के 'श्रीमती अश्क' यानी श्री उपेंद्रनाथ अश्क जी की पुत्रवधू, नीलाभ अश्क की पत्नी बनने का भी यह दसवाँ साल है। इस अवसर पर पर डॉ अरविंद कुमार से हुई उनकी बातचीत पढ़िए और जानिए, समझिए। ~ सं०  

काले साहब - उपेन्द्रनाथ अश्क की कहानियाँ | Upendranath Ashk Ki Kahaniyan

उन कथाकारों को भी पढ़ता चलूँ जिन्हें अबतक इसलिए नहीं पढ़ पाया क्योंकि, वे मेरे पढ़ना शुरू करने के पहले लिख गए थे। उपेन्द्रनाथ अश्क बड़े लेखक रहे हैं उनकी कहानी ‘काले साहब’ उनके बड़े होने की तस्दीक़ करती है, कहानी लेखन की कला भी सिखाती है। अश्कजी ने अपनी इस कहानी के बारे में लिखा था — 
इलाहाबाद आकर पहले दो वर्षों में मैंने कुछ हास्य-व्यंग्य की कहानियां लिखीं । कुछ ऐसी भी जिनके हास्य में गहरी त्रासदी तथा दारुणता निहित थी । 'काले साहब', उनमें मुझे प्रिय है । 'काले साहब की ख्याति विदेश में भी फैली है । दो बार दो विभिन्‍न अनुवादकों द्वारा अनूदित होकर यह कहानी अमरीकी पत्रिकाओं में छपी है। जर्मन भाषा में भी इस कहानी का अनुवाद हुआ है। — उपेन्द्रनाथ अश्क, 25/4/70, इलाहाबाद 
आशा है इस कहानी की प्रस्तुति आपको पसंद आएगी। बताइएगा। ~ सं० 

निर्मोही - ममता कालिया की कहानी | Mamta Kalia ki Kahani

रवींद्र कालिया का हिन्दी कहानी को जीवित और प्रफुल्लित रखने में अनमोल योगदान रहा है। हाल ही में उनके द्वारा संपादित ‘नया ज्ञानोदय’ का एक प्रेम महाविशेषांक पढ़ते हुए लगा कि अंक में बहुत कुछ ऐसा है जिसको हम (दुबारा) पढ़ना चाहेंगे। इस पुनर्प्रकाशन में सबसे पहले – 
... जब कहानी पढ़ने में उतना ही मज़ा आए जितना तब आता रहा हो जब दादी-नानी कहानी सुनाती थीं, तो चित्त प्रसन्न हो जाता है। ऐसा बहुत कम होता है लेकिन, ममता कालिया की ‘निर्मोही’ पढ़िए, बहुत प्यारी कहानी है। भाषा ने लूट लिया।  ~ सं० 

जीवन जीने की कथा कहता उपन्यास - अभिषेक मुखर्जी / समीक्षा: क़ैद बाहर (गीताश्री) | Review of Qaid Bahar (Geeta Shri)

विज्ञान में पीएचडी अभिषेक मुखर्जी ने गीताश्री के उपन्यास क़ैद बाहर (राजकमल प्रकाशन) की समीक्षा पूरे हृदय से लिखी और अच्छी हिन्दी से सजाई है। उन्हे और उपन्यासकार को बधाई! ~ सं० 

विनीता अस्थाना की कहानी 'ड्राइव टाइम कॉल' | Hindi Kahani - Vineeta Asthana

कहानी के पात्रों में बढ़िया भोलापन दिखाया है कहानीकार ने। रवानगी भी अच्छी बन पड़ी है। पढ़िए "ड्राइव टाइम कॉल" विनीता अस्थाना की कहानी। ~ सं0 

मंटो के उपन्यास का एक कन्फ्यूज़्ड पात्र व अन्य - प्रेमा झा की कविताएं | Prema Jha ki Kavitayen

मेरे हाथ अख़बार का कागज़ था जिसमें मुझे समय के दो कान काट कर रखने थे 
अजायबखाना में रखे कीमती पत्थरों का मोह मुझसे अब तक न छूट सका मगर 
मैं कश्मीर से कन्याकुमारी तक गया 
हिरन की छाल से खरगोश के फ़र तक 
भेड़ वाली गर्मी मेरे लिए अब तक संदिग्ध और कम खूबसूरत थी 

‘पडिक्कमा’ : संगीता गुंदेचा का शब्द संसार ~ शर्मिला जालान | Sangita Gundecha Book Review Sharmila Jalan


"संगीता के युवा मन में पीढ़ियों की जड़ें गहरी हैं। इन कविताओं को पढ़कर ऐसा लगता है संगीता संकेत में कुछ कह रही हैं।" 
जिस पुस्तक की समीक्षा इतनी सुंदर है वह स्वयं कितनी ही सुंदर होगी। संगीता गुंदेचा को बधाई और शुक्रिया शर्मिला जालान को।  ~ सं 

दामिनी यादव की दो ताज़ा कविताएं | Damini Yadav - Two Fresh Hindi Poems

दामिनी यादव की कविताओं की आग से ज़ेहन को बेधने वाली चिंगारियाँ निकल रही होती हैं। पढ़िए उनकी दो ताज़ा कविताएं ~ सं० 

मोड़: सरिता निर्झरा की कहानी | Sarita Nirjhara ki Hindi Kahani - Mod

कहानी का समय कोरोना से हो रहे विस्थापन का है लेकिन कहानी कुछ और है, हमारी स्त्रियों की मजबूती की है और अच्छी है पढ़ लीजिए, युवा रचनाकार सरिता निर्झरा की कहानी 'मोड़' ~ सं० 

जीवन तो एक ही है, बस यही: रीता दास राम की कविताएं | Reeta Das Ram - Kavitayen

हद है कि अनाचार होता रहा है 
हद है कि अनाचार हो रहा है 
हद है कि अनाचार देख रहे हैं 
हद है कि ख़ामोश हैं 
हद है कि सोचना मुल्तवी है 
सभी आस लगाये देख रहे हैं क़ानून की ओर 
सभी को विश्वास है क़ानून पर 
प्रतीक्षा है के हों न्याय 
वह भी आशा के अनुरूप 

स्वतंत्रता-आंदोलन बरक्स गांधी-सरला की बारहमासी प्रेम-कथा | Book Review: Gandhi Aur Saraladevi Chaudhrani : Barah Adhyay

समीक्षा / गांधी और सरला देवी चौधरानी : बारह अध्याय / अलका सरावगी
Book Review / Gandhi Aur Saraladevi Chaudhrani : Barah Adhyay/  Alka Saraogi


स्वतंत्रता आंदोलन, उसमें महात्मा गांधी की केन्द्रीयता तथा उसके स्त्रीवादी पक्ष में सरला देवी की भूमिका के साथ दोनो के तीव्र व जटिल प्रेम-सम्बंधों का अविकल आकलन

- सत्यदेव त्रिपाठी

'द वुमन किंग' फिल्म समीक्षा: जहां शिकारी बन कर ही जिया जा सकता है ~ गीताश्री | The Woman King movie review in Hindi

अच्छी फ़िल्मों को देखना बहुत ज़रूरी (और साहित्यिक) होता है। यह तब और अच्छा हो जाता है जब गीताश्री सरीखा संवेदनशील लेखक किसी ऐसी फिल्म को देख, फ़िल्म की परतों को मेरे जैसे सामान्यजन के लिए खोल देता है और फ़िल्म को देखने का एक नज़रिया दे देता है। आभार ~ सं० 

लक्ष्मी शर्मा की 'इला न देणी आपणी', सुंदर भाषा में सुनायी गई एक बेहद मजबूत कहानी | Laxmi Sharma Ki Kahani

लक्ष्मी शर्मा की कहानी ‘इला न देणी आपणी’ पढ़िए। सुंदर भाषा में सुनायी गई एक बेहद मजबूत कहानी। मुझे नहीं पता कि स्त्री लेखन संसार में कहानी की चर्चा कितनी हुई है लेकिन, इतना कह सकता हूँ कि पढ़ने के बाद आप न सिर्फ नायिका सुरसती  से जुड़^ रहे होंगे साथ ही, कहानीकार और उसकी इस कृति की चर्चा कर रहे होंगे।

ट्रेन में लड़की — कंचन जायसवाल की सफ़र कथा | Short story by Kanchan Jaiswal

युवा रचनाकार कंचन जायसवाल की रचना 'ट्रेन में लड़की' जिसे सफ़र कथा कह रहा हूँ, पढ़ते हुए यह महसूस हुआ कि इस तरह की गद्यात्मक रचनाएं लिखी, छापी और पढ़ी जानी चाहिए, प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए । कहानी ही सबकुछ नहीं होती। ~ सं ०

अवसाद के उल्लास को बांचता एक जीवन - विजय पण्डित | समीक्षा: जयशंकर प्रसाद की जीवनी | Review of Jaishankar Prasad's Jivani

समीक्षा लिखते समय यदि लेखक यह याद रखे कि गद्य पढ़ने का आनंद उसके प्रवाह में होता है, तो वह विजय पंडित द्वारा लिखित, हाल में आयी किताब — अवसाद का आनंद: जयशंकर प्रसाद की जीवनी, लेखक: सत्यदेव त्रिपाठी — की प्रस्तुत समीक्षा जैसा लिखेगा। अवश्य पढ़ें क्योंकि, इसे पढ़ने के बाद ही किताब में मेरी रुचि बनी है। ~ सं० 

सपना सिंह की कहानी - अफसर कथा | Sapna Singh ki Kahani - Afsar Katha

पढ़िए सपना सिंह की सच बतलाती, भुलवाती रोचक कहानी 'अफसर कथा' — क्योंकि यही तो दुनिया है और यही है माया । ~ सं० 

गीताश्री की मनोवैज्ञानिक कहानी - केस स्टडी | Psychological Story in Hindi by Geetashree - Case Study

गीताश्री इस समय की सशक्त कथाकार अकारण नहीं हैं, आप 'केस स्टडी' पढ़िए, उनकी इस कहानी का प्लॉट और उसका ट्रीट्मन्ट, पात्र और उनका संचालन सब दिखलाता है कि इस लेखक का फलक लगातार बढ़ रहा है। शब्दांकन पाठकों के लिए इस कहानी को भेजने का उन्हे आभार ~ सं०