कैलाश वाजपेयी एक मनमौजी साहित्यकार थे - कमल किशोर गोयनका | Kamal Kishore Goenka on Kailash Vajpaayee's Death


कैलाश वाजपेयी एक मनमौजी साहित्यकार थे

कमल किशोर गोयनका


कैलाश वाजपेयी मुझ से थोड़े ही बड़े थे, लेकिन कविता में निरंतर 50 वर्षो की उनकी साधना अप्रतिम है. वो दार्शनिक थे - भारतीय संस्कृति के प्रति उनका गहरा लगाव था. कैलाशजी एक मनमौजी साहित्यकार थे और उनका किसी भी तरह की राजनीति से कभी कोई सरोकार नहीं रहा. कैलाश वाजपेयी का जाना हिंदी कविता की बहुत बड़ी क्षति है. उनकी आत्मा को मेरी हार्दिक श्रधांजलि.

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