मेरी समझ में नारी को कमतर मानते हुए उनपर शाब्दिक हमले करने वाले भी उतने ही बड़े अपराधी हैं जितना उनपर शारीरिक हमला करने वाला। पढ़िए गीताश्री का आग्नेय…
विष्णु नागर को निराला स्मृति सम्मान आज दिया जाएगा। इस मुबारक मौक़े पर पढ़िए पल्लव लिखित सुंदर-सुंदर गद्य ‘नागर के संमरण’ जिसमें वे चेताते हुए लिखते …
अपने प्रिय मित्र कथाकार-पत्रकार ईशमधु तलवार को 14 अक्टूबर, उनके जन्मदिन पर याद कर रहे हैं प्रेमचंद गांधी। इशमधु तलवार का बहुत प्रेममयी व्यक्तित्व थ…
"मेरे ख़्याल से हिन्दी साहित्य जगत में फ़्लर्ट करने की कला, सिर्फ दो जन जानते हैं, राजेन्द्र यादव और मनोहर श्याम जोशी।" मृदुला गर्ग की लि…
अनामिका अनु के गद्य में बहुत रस होता है, इस आलेख में प्रेम की बात हो रही और वह और रसमय हो चला है। आनंद उठाइए ~ सं0 विचार और शब्द की जिज्ञासा, चुंब…
राजेन्द्र यादव जी के कमाल को समझना तकरीबन नामुमकिन है लेकिन प्रिय लेखक प्रियदर्शन का यह लेख यादवजी के कमाल को बहुत पास से दिखला गया। ~ सं0
नृत्य का संसार कलाओं में बेहद ऊंचा है। हम अधिकतर उसकी बाहरी काया को तो देख पा रहे होते हैं शायद इस बात से अज्ञान की नृत्य की रूह में संसार का रचयिता…
मृदुला गर्ग का यह एक मानीख़ेज़ इंटरव्यू है। साहित्य, लेखन, पाठन, विदेश नीति से लेकर वर्तमान सत्ता और भविष्य पर शमशेर सिंह के साथ हुई उनकी यह बातचीत …
संसार में ऐसा कोई भी देश आज नहीं है जहां कमजोरों के हक की रक्षा बतौर फर्ज होती हो। अगर गरीबों के लिए भी कुछ किया जाता है, तो वह मेहरबानी के तौर पर क…
सियोल में नौकरी से निकाल दिया गया एक रेल कर्मचारी है। उस कर्मचारी ने शहर की एक सोलह मंज़िला फ़ैक्ट्री की चिमनी पर अपना डेरा जमा लिया है और महीनों तक…
बीते दिनों बाबा, गुलज़ार साहब हमारे शहर फ़ैज़ाबाद गए थे. बड़ा मन था वहाँ उस समय होने का, जा नहीं सका लेकिन, शहर की उभरती लेखिका कंचन जायसवाल ने अपने (…
Mahajani Sabhyata... Nand Chaturvedi on Premchand नैतिक प्रतिबद्धता होने के कारण ही प्रेमचंद का विरोध स्तर…
विश्व पुस्तक मेले से लौट कर ... — राजिन्दर अरोड़ा
क़मर वहीद नक़वी (Qamar Waheed Naqvi) भारत के सम्मानीय पत्रकार हैं और उनके चाहने वाले हर वर्ग से आते हैं। पिछले दिनों उन्होंने एक लम्बी (थ्रेड) ट्वीट…
रवीश कुमार जब कुछ कहते हैं तो कुछ, या किसी को बख़्शते नहीं हैं। एंकर नविका कुमार के कार्यक्रम में बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद …
अब किसी पुस्तक के कितने संस्करण छपते हैं और कितने दिनों के अंतराल पर छपते हैं और कितनी प्रतियाँ छपती हैं, यह मुद्दा नहीं है बल्कि, दो-चार-दस-बीस प्र…
कन्हैयालाल मुंशी ने 1938 में भारतीय विद्याभवन की योजना को मूर्त रूप देने का का दायित्व मुनि जिनविजय को सौंपा। वे इसके पहले मानद निदेशक बनाए गए। वि…
मृदुला गर्गजी की कहानियों का संग्रह ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ राजकमल प्रकाशन से आया है। उसकी भूमिका में मृदुलाजी ने कहानियों, उपन्यासों की रचनाप्रक्रिया क…
इस बदलते जग में बस तुम्हीं तो हो जो साथ हो अटल हो तुम, अचल हो तुम न साथ मेरा छोड़ना तुम मेरे पास रहो
डॉ शशि थरूर का लेख: किसी परीकथा से भी आगे है सोनिया गांधी की जीवनकथा, जो गुजरी है बेहद दुरूह रास्तों से! सोनिया गांधी की असंभव कहानी! साभार नवजीव…