मौत का एक दिन मुअय्यन है नींद क्यूँ रात भर नहीं आती मिर्ज़ा ग़ालिब का यह शेर बड़े दर्दनाक रूप में जयश्री रॉय की कहानी 'गुलमोहर' पर सही बैठता ह…
वर्ष 2020-21 का ‘राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान’ संयुक्त रूप से जयश्री रॉय और प्रमोद राय को वर्ष 2020-21 का ‘राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान’ जयश्री र…
लाल साड़ी में लिपटी लड़कियाँ एक दहलीज पार कर किस अरण्य में हमेशा के लिए खो जाती है कोई जानना नहीं चाहता... कथा-कहानी सुनाने बैठी सयानी औरतें अक्सर…
हिंदी में हिंदी पर हिंदी के साथ हिंदी वालों में हो रही उठापटक, स्वामित्व और वर्चस्व की लड़ाई के बीच कहानीकार जयश्री रॉय की कहानी 'स्वप्नदंश&…
...कभी-कभी होश में रहना कितना कठिन लगता है! जी चाहता है हमेशा के लिए नहीं तो कुछ देर के लिए मर जाय! मोर्ग के ठंडे ड्राअर में कोई रख दे कफन मे…
प्यार, अभिलाषा, जुनून, ज़मीन, रोमांच, प्रकृति जयश्री रॉय की कहानी 'इक्क ट्का तेरी चाकरी वे माहिया...' इन सब को जोड़ती-तोड़ती और मरोड़ती कहा…