पगली कहीं की — संजय कुंदन गरिमा की नींद एक तेज आवाज से टूटी थी। लगा जैसे बगल के कमरे में किसी ने कुछ पटका हो। तो क्या विजय जाग गया है?…
मैंने चपरासी से कहकर अपने और उसके लिए चाय मंगवाई। चाय पीने के बहाने वह सामने बैठ गया वर्ना मैं तो उससे लेख लेकर उसे तुरंत विदा करने वाला थ…