हाँ कहानी को बीच में तोड़ कर एक बात कहता हूँ कि कहीं उसी छवि की जीती जागती परिछाई थी वह। उस समय मेरी उम्र कोई तेरह - चौदह साल की रही होगी। मेरी अल्ह…
आगे पढ़ें »कोई लौट कर जवाब ही नही देता। अपनी ही आवाज बार-बार लौट कर आ जाती है। …
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
Social Plugin