अमृता प्रीतम की कहानी 'पाँच बरस लम्बी सड़क' आप कुछ पाठकों ने शायद पढ़ी हो, मैंने हाल में पढ़ी और लगा कि यह अमृता प्रीतम की सबसे अच्छी कहानियों …
और सचमुच लड़की की श्रृंगारपुरी नत्थ में जो मुस्कराहट का मोती चमक रहा था, उसका रंग झलना कोई आसान नहीं था। मैंने एक रुपया उसकी हथेली पर रखा। और जब लौट…
ज़मीन की पगडंडियों पर चलते चलते इंसान जब लहूलुहान होता है, तब आयतें लिखीं जाती हैं। दर्द जब कतरा कतरा रिसने लगता है तो कलम से शब्द नहीं आयतें दर्…