विनोद भारद्वाजजी के संस्मरणनामा उनकी तरह ही बेबाक हैं. इस बार वाले, श्रीलाल शुक्ल की यादें में वह लिखते हैं अब आगे और नहीं... शायद कुछ लोग…
राग दरबारी - आलोचना की फांस रेखा अवस्थी राग दरबारी पर एक संकलन तैयार करने की इच्छा संभवत: 2005 में मेरे मन में आई थी । अपनी इस योजना पर जब मै…