यदि कोई कहानी आपको उसे पढ़ते हुए लगातार अचंभित कर रही हो तो आप लेखक के बारे मे सोचा कीजिए। मोहन राकेश की 'ग्लास टैंक' पढ़ते हुए यही सोचता रहा …