डाक्टर नर्स जा चुके हैं। लड़की अब रोने लगी है। ऊपर झुकी दाई के गले में हाथ डालने की कोशिश करते हुए अस्फुट स्वर में बुदबुदाती है— बचाई लेव अम्मा…
यह तो कहो कि अभी काकी जिन्दा हैं। न होतीं तो कौन रात के अंधेरे में अपनी औरत को काका का पैर दबाने के लिए भेज देता, कोई ठिकाना है। कौन कब बूढ़े को…
कुच्ची का कानून, शिवमूर्ति की इस अविस्मरणीय कहानी का हर पाठक पर अलग और वृहत प्रभाव पड़ेगा... इसके बारे में फ़िलहाल इससे अधिक और कुछ भी नहीं कहूँगा…
सिनेमा मनोभाव नहीं दर्शा सकता - शिवमूर्ति मशहूर कवि केदारनाथ सिंह ने आज (1 नवम्बर 2015) यहां कहाकि पुस्तक और पुस्तकालयों की शक्ल अब बद…
आत्म-मुग्धता, हिप्पोक्रेसी और बौखलाहट का मिला-जुला एक नाम है उदय प्रकाश * चित्र १ - दयानंद पांडेय तुम जैसे नीच, झक्की और सनकी आ…