कहानीकार की कलम अगर हमें ख़्वाबों की दुनिया में ले जा सकती है तो उसमें यह ताक़त भी होती है कि वह हमें उस दुनिया में भी ले जाए, जो होती तो हमारे इर्द…
आगे पढ़ें »तितलियों का शोर हरिओम मेरा नाम रघुवंश है और मेरी पत्नी का मीना। मैं एक सरकारी मुलाज़िम हूँ जबकि मीना एक कालेज में पढ़ाती है। हम सरकारी काल…
आगे पढ़ें »हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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