क्या लगता है आपको ? कि देश की जनता चरस पीए हुए है ? कि आप जो कहें वो सर्वमान्य है ? वैसे मुझे ताज्जुब है भी नहीं - अगर देश की जनता ने चरस चढ़ा भी ली हो तो। चरस अच्छे दिनों की । क्यों ?
![]() |
सवाल पूछना मना है |
अभिसार शर्मा का ब्लॉग
abhisar sharma blog
आज 8 नागरिक मार दिए गए एलओसी पर । भारतीय नागरिक ! पिछले 10 दिनों मे 8 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। 8... ये आंकड़ा मामूली नहीं है । आंकड़ा तो 1 का भी मामूली नहीं । ख़ासकर तब जब मौजूदा केन्द्र सरकार इसे यूपी के चुनावों मे सियासी मुद्दे के तौर पर भुनाना चाहती हो। ख़ासकर तब जब इस देश का लम्बा इतिहास रहा है - शहादत और शहीदों के परिवारों को भूल जाने और महज लफ्फाजी करने का । लिहाज़ा अब वक्त आ गया है कि ये सवाल पूछा जाए कि सर्जिकल स्ट्राइक का ढोल पीटने का औचित्य क्या है, जिसमें मोदी सरकार लगी हुई है । क्योंकि साफ है, न तो पाकिस्तान ही डरा है और न ही मेरे सैनिकों की शहादत का आंकड़ा कम हुआ है । मैं दोहरा दूं, मैं बात सर्जिकल स्ट्राइक की नहीं, उसे सार्वजनिक करने और उसपर सियासत करने पर सवाल कर रहा हूं । क्योंकि ऐसे सर्जिकल स्ट्राइक पहले भी होते रहे हैं और बदला पहले भी लिया जाता रहा है । पूर्व सेना प्रमुख बिक्रम सिंह कह चुके हैं कि हेमराज सिंह के बदले मे 20 नापाकियों का सिर कलम किया गया था । मगर मामला शांतिपूर्ण ढंग से मुकम्मल कर दिया गया था, उसका ढोल नहीं पीटा गया था । क्योंकि मकसद था अपने एक साथी सैनिक की मौत के प्रतिशोध का, सियासत का नहीं ।सवाल उठना लाजिम है
मगर जैसे कि हम पिछले दो सालों से देख रहे हैं कि मौजूदा सरकार मे ढोल पीटने की रवायत है, लिहाज़ा अब ये सवाल उठना लाजिम है । कि आप उन आठ भारतीय नागरिकों की हत्या के बारे मे क्या कहेंगे? पिछले 10 दिनों मे 8 भारतीय सैनिकों की शहादत के बारे मे क्या कहेंगे ? या फिर ये सवाल पूछना देशद्रोह माना जाएगा ? क्योंकि अब तो मौजूदा सरकार और उसके चाटूकारों के पास ये ब्रह्मास्त्र है । सवाल पूछोगे तो देशद्रोही ठहरा दिए जाओगे ।![]() |
Shortly after posting that tweet, Vijay deleted his earlier tweet and apologised for disrespecting a veteran while maintaining that Ramdas did lie. |
एडमिरल रामदास को बीजेपी नेता तरुण विजय ने थोड़ी सी भी देर नहीं लगाई थी, झूठा, दलाल और मीर जाफर करार देने मे ।

देश के गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू तो मानते हैं बेवजह न प्रधानमंत्री, न पुलिस और न ही प्रशासन से ही सवाल पूछे जाने चाहिए।
हम उस बयान पर भी सवाल न करें ?
अरे वाह ? आप पूरे सर्जिकल हमले को मोदी सरकार की उपलब्धि करार दें, फिर ये कहें कि सेना को अपनी काबिलीयत का अंदाज़ा नहीं था और जैसे हनुमान को जामवंत ने उनकी महानता के बारे मे अवगत कराया, वैसा ही काम मोदी सरकार मे किया है । आप खुले आम कह दें कि सेना के शाहकार को हम चुनावी मुद्दा बनाएंगे। आप ये कह दें कि आरएसएस की ट्रेनिंग की बदौलत ये सर्जिकल स्ट्राइक संभव हो पाया । मोदीजी ये भी कह दें कि देश ने 28 सितम्बर (सर्जिकल स्ट्राइक वाले दिन) को ही छोटी दीवाली मना ली थी, हम उस बयान पर भी सवाल न करें ? क्योंकि उसके बाद कम से कम 10 सैनिकों के घर मे अंधेरे ने दस्तक दी है। उनके घर कभी भी दीवाली नहीं मनेगी... कम से कम एक लम्बे अर्से तक तो नहीं ।बावजूद इसके सवाल न किया जाए ? क्यों भई ? मामला तो इतना हास्यास्पद है कि अब भोपाल के फर्जीवाड़े को भी बीजेपी के होनहार देश की अस्मिता के साथ जोड़ कर देख रहे हैं । गज़ब है मतलब ! वहां भी सवाल उठाना देशद्रोह है । क्या भई ? क्यों ऐसा सोचते हैं आप ? क्या लगता है आपको ? कि देश की जनता चरस पीए हुए है ? कि आप जो कहें वो सर्वमान्य है ? वैसे मुझे ताज्जुब है भी नहीं - अगर देश की जनता ने चरस चढ़ा भी ली हो तो। चरस अच्छे दिनों की । क्यों ? क्योंकि अब न देश का किसान ही आत्महत्या कर रहा है, सबका साथ सबका विकास हो रहा है और देश मे बिजनेस भी फलफूल रहा है । ये बात अलग है कि मीडिया मे न जाने क्यों ऐसी देशद्रोही खबरें आती रहती हैं कि जून से अक्तूबर तक सिर्फ मराठवाड़ा में 342 किसानों ने आत्महत्या कर ली है ।
![]() |
मराठवाड़ा में 4 महीने में 342 किसानों ने की आत्महत्या | टाइम्स न्यूज नेटवर्क| Nov 1, 2016 |
न जाने क्यों विश्व बैंक ये मानता है कि भारत मे बिजनेस करने मे आसानी के पैमानों मे कोई सुधार नहीं हुआ है । अब देखिए न, बाबा रामदेव, माननीय अडानी साहब ... ये सब कितना फल फूल रहे हैं । और आप खांमखां मोदी सरकार के अच्छे दिनों पर तंज कस रहे हैं । ब्लडी एंटी नेशनल !
![]() |
Abhisar Sharma |
अगर सर्जिकल स्ट्राइक उपलब्धि है तो फिर ये क्या है
आज एक अजीब सी असहजता महसूस कर रहा हूं। और उसकी वजह शायद वो कहानी है कि किस तरह जम्मू के सांबा सेक्टर मे एक गांव की रहने वाली सुषमा का पूरा का पूरा परिवार उजड़ गया, वो भी उस वक्त जब वो अपने परिवार के साथ भईया दूज मना रही थी । जानते हैं क्यों ? क्योंकि उन नापाकिस्तानियों का एक मोर्टार सुषमा के आंगन मे आ गिरा । उन्हें अपने परिवार के अंतिम संस्कार के लिए भी पड़ोस के गांव मे जाना पड़ा, क्योंकि पाकिस्तानी सेना ने मौत मे भी उन्हें सुकून से महरूम रखा । कुल आठ लोग मारे गए हैं पहली नवम्बर को - 8 नागरिक - ये किसी भी सूरत मे मोदी सरकार की असफलता नहीं है । क्यों हो भला ? अब क्या अमित शाह साहब और उनकी सेना यूपी के चुनावों मे इसका ढोल पीटेगी ? अगर सर्जिकल स्ट्राइक उपलब्धि है तो फिर ये क्या है ? और पिछले दस दिनों मे 8 भारतीय सैनिकों की शहादत क्या है ? सैनिक का कर्म ? वो तो निभा रहा है, अपना कर्मा, अपना धर्मा ! आप जरा सियासत की दहलीज लांघ कर… एक बार… कम से कम उससे आगे सोचने की कृपा करें ।मगर जैसे कहा भी गया है न, तुमसे न हो पाएगा ... तुमसे न हो पाएगा !
▲▲लाइक कीजिये अपडेट रहिये
(ये लेखक के अपने विचार हैं।)
अभिसार शर्मा
जाने-माने संपादक और टीवी एंकर
Twitter@abhisar_sharma
००००००००००००००००
0 टिप्पणियाँ