अब तो लगता है इस तरह से जीना होगा प्यास लगने पे लहू अपना ही पीना होगा किसको फुर्सत है की ग़म बाँट ले गैरों का यहाँ अपने अश्…
शब्दांकन को अपनी ईमेल / व्हाट्सऐप पर पढ़ने के लिए जुड़ें