अनारकली — अंजना वर्मा ‘‘ऐ ! चुप रह। जब देखो तब मुस्कुराती रहती है, ठी-ठी-ठी-ठी हँसती रहती है। न कोई सोच, न कोई चिंता। थोड़ी भी शरम है…
आगे पढ़ें »
Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
Social Plugin