सू खी बूंदों के जीवाश्म फिर से मैं अपने को भरता हूं..... कोई तैयारी नहीं थी फिर भी मृत्युएं ढंकी थी जीवन की अश्लीलता को छिपाएं…
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Vandana Rag
हद्द बेशरम हो तुम, जब बच्चे छोटे थे तो कभी गोदी में बिठाया तुमने? आज बड़े आये ह…
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