असग़र वजाहत का नाटक 'ईश्वर-अल्लाह' | Asghar Wajahat's Play 'Ishwar-Allah' ईश्वर-अल्लाह (नाटक) असग़र वजाहत
हिंदी के कुछ प्रबुद्ध पाठक असग़र वजाहत को आज का मंटो मानते हैं लेकिन उनका नया नाटक 'अरितोपोलिस' उनके विचारक और चिंतक को सामने लाता है। नाटक…
आपदा काल रचना प्रक्रिया को बहुत मुश्किल बना देता है । लेकिन, पीड़ा से गुजरते हुए जब कोई साहित्य उपजता है तो उसमें कई नए रंग नज़र आते हैं । आ० स…
भरतमुनि रंग उत्सव नई दिल्ली, अक्टूबर 2019: विभिन्न भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने वाले दिल्ली सरकार के कला और संस्कृति विभाग साहि…
क से भय 'क से भय' नाटक 26 मई को जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी के कन्वेंशन सेंटर में मैत्रैयी कॉलेज की थियेटर सोसायटी ‘अभिव्यक्ति’ क…
Manoj Bajpayee and Arun Kakade 12th META Festival concludes with Red Carpet Awards Night (नोट: नीचे हिंदी में भी रिपोर्ट है) Mahabhar…
ताकि पॉजिटिव बने रहा जा सके... एक सप्ताह का मेटा महोत्सव राष्ट्रीय राजधानी में 4 से 9 मार्च, 2017 के दौरान आयोजित होगा …
Rasiya Ko Naar Banao Ri रवीन्द्र त्रिपाठी - समीक्षा - नाटक 'लेडीज संगीत' Manglesh Dabral, Ravindra Tripathi, Naresh Saxena…
Hindi drama writing, an Art form getting extinct. — Anant Vijay इंदिरा दांगी के नाटक 'आचार्य' से मेरा जुड़ाव आत्मीय है, वो ऐसे …
रजनी - मन्नू भंडारी (मध्यवर्गीय परिवार के फ़्लैट का एक कमरा। एक महिला रसोई में व्यस्त है। घंटी बजती है। बाई दरवाज़ा खोलती है। रजनी का प्रवेश।…