मजबूत और सच्ची बात मसलन — "गांवों के चूल्हे की सोंधी महक/और शहर की फैक्टरी की दुर्गंध/मुझे इतना पागल नहीं करतीं/कि मैं कहूं गाँव शिक्षित हो चुक…
दामिनी यादव की इन तीन कविताओं में से पहली पर मेरी प्रतिक्रिया — लिव-इन के नाम क़त्ल होती लड़कियों के नाम... पढ़ी। सारे मर्मों को कोंच गई। दामिनी, बहु…
रश्मि भारद्वाज और उनकी कविताओं को किसी परिचय, टिप्पणी आदि की ज़रूरत नहीं है इसलिए, उनका स्वागत करते हुए इतना कहूँगा कि ये नौ कविताएं, वर्तमान में माँ …
साहित्यकार गीताश्री ने बिहार की पाँच कवयित्रियों - उपासना झा, नताशा, निवेदिता, सौम्या सुमन और पूनम सिंह की कविता पर यह आलेख लिखकर बहुत ज़रूरी काम किय…
मेरे हाथ अख़बार का कागज़ था जिसमें मुझे समय के दो कान काट कर रखने थे अजायबखाना में रखे कीमती पत्थरों का मोह मुझसे अब तक न छूट सका मगर मैं कश्मीर से …
दामिनी यादव की कविताओं की आग से ज़ेहन को बेधने वाली चिंगारियाँ निकल रही होती हैं। पढ़िए उनकी दो ताज़ा कविताएं ~ सं०
हद है कि अनाचार होता रहा है हद है कि अनाचार हो रहा है हद है कि अनाचार देख रहे हैं हद है कि ख़ामोश हैं हद है कि सोचना मुल्तवी है सभी आस लगाये दे…
अयोध्या में रामपथ के निर्माण के लिए सड़कों का चौढ़ीकरण किया जा रहा है,उसके जद में मकान नहीं पेड़ भी आ रहे हैं। बहुत से ह्रदयविदारक दृश्य दिखायी दे रहे।…
हिंदी के वरिष्ठ कवि, पत्रकार विमल कुमार ने साल के बीतने और नये साल के आगमन पर कई कविताएं लिखीं हैं जिसमें अपने समय के कई रंग मौजूद हैं। उनके लिये स…
नासिरा शर्मा की कविताएं! चौंकिए नहीं, पढ़िए साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान आदि से सम्मानित हिन्दी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर नासिरा शर्मा की क…
रेणु हुसैन की कविताएं इधर बहुत निखरी हैं। पढ़ने में वह आनंद मिल रहा है जो हिन्दुस्तानी कविता की भाषा में होना चाहिए। और, विचारों के धरातल की फलक ख़…
हिन्दी जगत के प्रिय, वरिष्ठ कवि व पत्रकार कुलदीप कुमार की सात कविताएं माँ पर। इनमें से में पहली दो कविताएं प्रो. नामवर सिंह द्वारा 1976 में 'आलो…
चिन्मयी त्रिपाठी की कविताएं हमारे आसपास के संसार को खुर्दबीन से देखती हैं, और साधारण आँखों से नहीं दीखने वाली बारीकियों को पकड़ कर जब हमारे सामने ला…
शब्दों को प्यार से चुनकर जोशना कविताएं बुनती हैं। उनकी कविताओं में एक नई कसावट है। जोशना बैनर्जी आडवानी की कविताओं पर बातचीत होनी चाहिए। फ़िलहाल, कव…
कितनी खुशी होती है जब कविता के नाम पर कविता ही पढ़ने को मिलती है। आइए, सुवन चन्द्र की इन अच्छी कविताओं का आनंद उठाइए। ~ सं०
सुंदर बदन सुख सदन श्याम को सूरदास का भजन / अश्विनी भिड़े-देशपांडे का गायन सूरदास के प्रस्तुत भजन को अश्वनी जी की मनमोहक आवाज़ में हमेशा सुनता र…
दिल्ली विश्वविद्यालय में शोधारत युवा रचनाकार ऋत्विक भारतीय एम.ए, एमफिल हैं। प्रस्तुत हैं वैलेंटाइन डे पर विशेष उनकी कुछ प्रेम कविताएं। ऋत्विक भारत…
गुलज़ार की ज़ुबानी ,भवानीप्रसाद मिश्र के चार कौए (विडियो: साभार ' खटाक ') बहुत नहीं सिर्फ़ चार कौए थे काले, उन्होंने यह तय किया …
सबसे ख़तरनाक वो गीत होता है जो मरसिए की तरह पढ़ा जाता है - पाश (अवतार सिंह संधू)
आज के ' टाइम्स ऑफ़ इण्डिया ' की ख़बर है: 'जेएनयू में रिकॉर्ड आवेदन, पिछले साल की तुलना में 22% अधिक'. आज से ठीक तीन वर्ष पूर्व प…